मैं डरती हूँ

मैं डरती हूँ
मैं डरती हूँ घर के छूट जाने से
वैसे तो छोड़ा है कई बार घर को इससे पहले
कभी पढ़ाई तो कभी करिअर के लिए
लेकिन इस बार बात घर छोड़ने की नहीं छूटने की है
इस बार घर छूट रहा है क्योंकि मिल गया है अल्टीमेटम
आएगा तुम्हें कोई अपने घर ले जाने के लिए

मैं डरती हूँ
याद आ रहा है जब घर रहने के दौरान जाती थी बाज़ार
कहीं दिख गए बड़े भाई को कर लेती फोन और हक़ से मांग लेती पचास रुपये, 
अगर घर छूट गया और अगली बार जब घर आऊंगी
ऐसे ही बाज़ार में भइया के दिखने पर उनसे पचास रुपए मांग लिए तो डरती हूँ कि वह क्या सोचेंगे!
कहीं उन्हें यह न लगे कि उनकी लाडली बहन गुजर रही है आर्थिक तंगी से! मैं डरती हूँ

मैं डरती हूँ
जब मम्मी-डैडी के बीच हो जाती है कभी कहासुनी
तो मैं हक़ से कह दिया करती हूं 
चुप हो जाओ दोनों! कैसे बिताए दोनों ने पचास साल एक साथ
जवाब में दोनों का कहना कि इसी लिए तो निभी हमारी😊 फिर शर्मा कर मां का नज़रे झुका लेना और डैडी का कन्नी काट कर वहां से हट जाना
मैं डरती हूँ कि अगली बार जब दोनों में होगी कहासुनी तो कैसे निभा पाऊँगी मैं अपना फर्ज़ उन्हें चुप कराने का और कैसे देख पाऊँगी दोनों का सुर्ख लाल चेहरा

मैं डरती हूँ
बड़ी बहन को हमेशा छोटी बहन सा जाना है मैंने
हर गलती पर उसे डांटने की आदत पड़ गई है मुझे
जब अगली बार उसे डांटा तो कहीं वह य‍ह न कह दे कि..

हाँ मैं डरती हूँ.. बहुत डरती हूँ अपनी पुरानी आदतों जिसमे रहना पसंद भी है मुझे उसके छूट जाने से.. डरती हूँ बहुत डरती हूँ

वो घर जिसकी हर ईंट हर कोना मेरी आत्मा में रचा बसा है, वो घर जिसमे मुझे ममता की छाँव मिली
वो घर जहां मेरे जन्मते अपने रहते हैं, उस घर के मेरी आत्मा से खुरच-ख़ुरच कर निकलने से डरती हूँ.. मैं डरती हूँ.. 

टिप्पणियाँ

  1. ओह ! बहुत-बहुत बधाई और भावी नवीन जीवन के निमित्त शुभकामनाएं । यह तो वह छूटना है जिसका प्रत्येक लड़की बेचैनी से इंतज़ार करती है । डरिए नहीं । आपकी आत्मा उस घर से कभी नहीं निकलेगी जिसमें आपको ममता की छाँव मिली । किसी नए अपने के मिलने से पुराने अपने बेगानों में नहीं बदल जाते । हाँ, इतना ज़रूर है कि वो नया धीरे-धीरे आपका सबसे करीबी बन जाता है । मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है इस समाचार से । ईश्वर आपकी ख़ुशियों को सदा सलामत रखे और वे दिन-दूनी रात-चौगुनी बढ़ती रहें, मैं यही दुआ करता हूँ ।

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  2. शुक्रिया माथुर जी, फ़िलहाल अभी मेरी शादी में अभी समय है। यह रचना मैंने अपनी बड़ी बहन, जिनके विवाह की बात लगभग तय हो गई है, की भावनाओं को महसूस करते हुए लिखा है। एकबार फिर से शुक्रिया ..

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