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Nav yug: हितों की लालच में अपनी गरिमा को भूलता भारतीय प्रेस

Nav yug: हितों की लालच में अपनी गरिमा को भूलता भारतीय प्रेस

हितों की लालच में अपनी गरिमा को भूलता भारतीय प्रेस

राष्ट्रीय प्रेस दिवस - 16 नवंबर - भारत में स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस का प्रतीक है. यह वह दिन था जिस पर प्रेस परिषद ने एक नैतिक निगरानी के रूप में काम करना शुरू किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रेस ने इस शक्तिशाली माध्यम से अपेक्षाकृत उच्च मानकों को न केवल बनाए रखा बल्कि यह भी कि वह किसी भी बाहरी कारकों के प्रभाव या खतरों से मुग्ध नहीं था. यद्यपि कई प्रेस या मीडिया काउंसिल दुनिया भर में हैं, भारतीय प्रेस परिषद एक अद्वितीय इकाई है- क्योंकि यह एकमात्र संस्था है जो राज्य के उपकरणों के ऊपर भी स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए अपने अधिकारों का इस्तेमाल करती है.                                                                                               - प्रेस कौंसिल ऑफ़ इंडिया.. ऊपर लिखी गई बातें प्रेस कौंसिल ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट पर मौजूद हैं   मौजूदा समय में प्रेस की जिस आज़ादी की बात समय समय पर उठाई जाती है, यह स्वीकारना मुश्किल होता है कि क्या प्रेस अपने कर्तव्यों के प्रति भी उतना ही प्रतिबद्ध है जितना कि उसे होना चाहिए?  प्रेस को उसकी निष्पक्षता के लिए जाना जाता रहा

Yes #metoo

बचपन से लेकर  मेरे ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर तक मुझे एक्चुअली में यौन उत्पीड़न होता क्या है, नहीं पता था. हालाँकि इससे पहले कई बार मुझे मेरे आस-पास घटीं  कुछ हरकतें कुछ अटपटी लगीं, पर ऐसी हरकतें यौन उत्पीड़न कहलाती हैं,मुझे कोई आईडिया नहीं था. 12वीं तक मैं गर्ल्स कॉलेज में पढ़ी.पहली बार ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए को-एड कॉलेज में दाखिला लिया. घर से कॉलेज अक्सर ट्रेन से जाना होता था. फर्स्ट ईयर के दौरान एक दिन मैं अपनी सहेलियों और साथ में जाने वाले कॉलेज के कुछ छात्रों के साथ ट्रेन से वापस घर आ रही थी. समय यही कोई 2 या 3 बजे दोपहर का था. मेरा स्टेशन आने ही वाला था.मैं गेट पर आई तो एक 50-55 साल का व्यक्ति गेट के पास पहले से ही खड़ा था. इससे पहले वह उसी सीट पर बैठा था जहाँ मैं अपनी सहेलियों के साथ बैठी थी. लेकिन स्टेशन आने से पहले वह व्यक्ति गेट पर आकर खड़ा हो गया. जैसे ही मैं गेट पर खड़ी हुई वह पलटा और तेजी से अपना हाथ मेरे गले के निचले हिस्से पर लगभग झटकते हुए आगे बढ़ गया. मैं एकदम से शॉकेड रह गयी! समझ नहीं पाई कि अचानक हुआ क्या! लेकिन चूँकि उसका प्रहार बहुत तेज था जिससे दर्द से मैं तिलमिला कर वापस

'गुजरात मॉडल' के दम पर केंद्र में आयी बीजेपी को अब नहीं रहा इस फॉर्मूले पर भरोसा!

संसद के शीतकालीन सत्र की तारीख अब तक नहीं आई है. खबर है कि इस बार का शीतकालीन सत्र को छोटा या फिर पूरी तरह से स्थगित कर दिया जाएगा. दरअसल यह सब इसलिए है क्योंकि जिस वक़्त शीतकालीन सत्र बुलाया जाता है ठीक उसी समय पर देश के दो महत्वपूर्ण राज्यों में चुनाव होने हैं. महत्वपूर्ण इसलिए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्र का कैबिनेट हिमाचल प्रदेश और गुजरात में पार्टी के चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. दोनों राज्यों में से गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. पार्टी के महासचिव राहुल गाँधी गुजरात में पूरी तरह से चुनाव प्रचार के लिए अपना तम्बू लगा चुके हैं. वहीं पीएम मोदी और भाजपा प्रमुख अमित शाह भी प्रदेश में धुआंधार रैलियां और रोड शो कर रहे हैं. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जो बीजेपी गुजरात मॉडल के नाम पर तत्कालीन गुजरात सीएम नरेंद्र मोदी को बतौर प्रधानमंत्री प्रत्याशी प्रोजेक्ट किया और भारी बहुमत से चुनाव जीतकर केंद्र में आयी, उसे ही आज अपने इस फॉर्मूले पर भरोसा नहीं है. शायद इसीलिए अपनी सभाओं में मोदी, अमित शाह और उनके प्रमुख

तो क्या ऊंचाहार के एनटीपीसी में हुई महादुर्घटना की पृष्ठभूमि पहले ही लिखी जा चुकी थी ?

ऊंचाहार स्थित एनटीपीसी में बुधवार को दोपहर के खाने के बाद लगभग 3:30 पर जबरदस्त विस्फोट हुआ. एक स्टीम पाइप फटने के कारण संयंत्र में यह विस्फोट हुआ था. प्लांट पूरी तरह से आग की लपटों से घिर गया और गर्म राख 25 से 30 फ़ीट ऊपर हवा में तैर गया. इसी बीच भारी अफरा तफरी में कई मजदूर इस विस्फोट के दबाव में पहले तो हवा में ऊपर उठ गए और दबाव काम होने पर सीधे जमीन पर आ गिरे. फ्लाई ऐश का भारी दबाव उनके शरीर पर आ गिरा जिससे कुछ मजदूरों ने वहीं मौके पर ही दम तोड़ दिया तो कुछ अस्पताल पहुँचने के बाद. सैंकड़ों मजदूर गर्म राख से झुलस गए, जिनमे कइयों की हालत गंभीर बताई जा रही है. हुआ क्या  प्रश्न यह उठता है कि ऐसा आखिर हुआ कैसे? आज इस का भी खुलासा हो गया. सूत्रों की माने बॉयलर के सेफ्टी वॉल्व सोमवार से ही ठीक से काम नहीं कर रहे थे. इसको लेकर टेक्नीशियन ने आगाह भी किया था. वहीं सेफ्टी वॉल्व का चोक होना साफ इशारा है कि किसी भी क्षण कोई बड़ा हादसा हो सकता है. फिर भी प्लांट को चालू रखा गया. घायलों का इलाज लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल, केजीएमयू और पीजीआई में चल रहा है. इसके अलावा कुछ घायलों को एयर एम्ब