संदेश

2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

फ़र्क और मेरी गहरी फ़िक्र

चित्र
मिस म्यांमार Thuzar Wint Lwin, अपने देश के लिए सच्चे मायनों में समर्पित। जिसने मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में अंतिम इक्कीस में पहुंच कर खुद बखुद क्विट कर लिया। अपने साथ वह यह पोस्टर लाईं थीं, और दुनिया भर से आग्रह किया कि वे उनके देश के लिए प्रार्थना करें। थूज़र विंट ल्विन ने 16 मई को दुनिया भर से मिलिट्री जुंटा के खिलाफ बोलने का आग्रह किया, जिसके सुरक्षा बलों ने 1 फरवरी को तख्तापलट कर सत्ता हथिया लिया और तबसे अब तक (16 मई तक) तमाम प्रदर्शनकारियों की हत्या कर डाला था। मिस म्यांमार ने एक वीडियो सन्देश में कहा "हमारे लोग मर रहे हैं और हर दिन सेना उनपर गोली बरसा रही है"। उन्होंने कहा, "मैं सभी से म्यांमार के बारे में बोलने का आग्रह करना चाहूंगी। तख्तापलट के बाद से मिस यूनिवर्स म्यांमार के रूप में, मैं जितना कर सकती हूं, कर रही हूं, बोल रही हूं"। थूजर विंट ल्विन म्यांमार की दर्जनों हस्तियों, अभिनेताओं, सोशल मीडिया प्रभावितों और खेल के लोगों में से हैं, जिन्होंने तख्तापलट का विरोध किया है।  आज जब ओलंपिक में किसानों के बच्चों ने अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज़ कराई है, मुझे उनमें

जब देश में 'ट्रैक्टर' लाने के लिए अपनी ही पार्टी का चुनाव निशान भूल बैठे थे नेहरू!

चित्र
दुनिया भर में अपने समय और अपने गुजरे दौर के सर्वकालिक नेता पंडित जवाहरलाल नेहरू उस वक़्त भुखमरी और विभाजन का दंश झेल रहे भारत के खेतों को अधिक अनाज उत्पादन योग्य बनाने का दृढ़ संकल्प लिए देश की कृषि का आधुनिकीकरण करने की दिशा में आगे बढ़ने का विचार कर रहे थे. भुखमरी से निपटने और अन्न की पैदावार बढ़ाने की समस्या से निपटने के लिए वह दुनिया भर के नामी गिरामी कृषि और भोजन प्रबंधन विशेषज्ञों से बातचीत कर रहे थे. अधिक अन्न उपजाने की इस क़वायद में नेहरू को जो मशीन सबसे जरुरी लगी, वह था ' ट्रैक्टर' .  नेहरू यह समझ रहे थे कि उपजाऊ जमीनों का एक प्रमुख हिस्सा सिंध और पंजाब बंटवारे के बाद पाकिस्तान जा चुके हैं. ऐसे में अन्न के संकट को फौरी तौर पर दूर करने के लिए एक निर्धारित योजना, प्रबंधन और समय सीमा की बेहद आवश्यकता है.  200 वर्षों से अधिक के समय में अंग्रेजी हुकूमत ने सोने की चिड़िया कहे जाने वाले देश की पारम्परिक अर्थव्यवस्था की रीढ़ तोड़ कर रख दी थी. लेकिन भविष्यदृष्टा नेहरू ने मौजूदा सरकारों की तरह अपने भूतकाल को कोसने की बजाय आगे चलना तय किया.  विदेशी मुद्राओं से खाली राजकोष से भिज्ञ नेहरू