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Nav yug: धिक्कार है! तेरे विकार पर

Nav yug: धिक्कार है! तेरे विकार पर : आठ महीने की दुधमुंही बच्ची का बलात्कार! सुनने में ही कितना भयानक है यह ! काश उस आठ महीने की बच्ची ने 6 मीटर की साड़ी लपेट रखी होती तो शाय...

धिक्कार है! तेरे विकार पर

आठ महीने की दुधमुंही बच्ची का बलात्कार! सुनने में ही कितना भयानक है यह ! काश उस आठ महीने की बच्ची ने 6 मीटर की साड़ी लपेट रखी होती तो शायद 28 साल का वह वहशी उसे अपनी बहन ही मान रहा होता! लेकिन 8 महीने की उस बच्ची को क्या जरा सा ख्याल नहीं आया कि किसी के भी सामने किसी भी उम्र में बिना साड़ी या सलवार कमीज के नहीं जाते ! वाह! रे सभ्य समाज ! धिक्कार है तेरी ऐसी वहशियत पर! जहाँ तू एक काल्पनिक किरदार के लिए दंगे करवा सकता है लेकिन असल में बेटियों को सिवाय सेक्स स्लेव के किसी और रूप  में नहीं देख सकता. माफ़ी चाहूंगी, 'सेक्स स्लेव' शब्द को स्पष्ट करना चाहूंगी, नहीं तो तुम्हारी मरी हुई संवेदनाए असंतुलित हो कर नंगा-नाच करना शुरू कर देंगी. 'सेक्स स्लेव' से मेरा मतलब ये है कि आज भी लड़कियों को 'योनि' से ज़्यादा कुछ नहीं समझा जाता है. भले ही लड़कियां चाँद-सूरज तक पहुँच जाएं या कि जेट विमान में उड़ान भर लें, जमीन पर तो वो केवल तुम्हारी दासी ही हैं. तुम्हारी सोच इससे आगे नहीं बढ़ेगी, बढ़ भी नहीं सकती क्योंकि तुम तो आज भी सीता-सावित्री को पूजते हो लेकिन यह कभी नहीं चाहते

तो क्या लालू के जेल जाते ही ढह जाएगा 2019 का विपक्ष?

2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से न केवल केंद्र बल्कि बीजेपी शासित 19 राज्यों में विपक्ष कोमा अवस्था में है. देश की प्रमुख पार्टियों में से एक कांग्रेस निरंतर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले सत्ता पक्ष के खिलाफ एक सशक्त विपक्ष खड़ा करने का प्रयास कर रही है. इस प्रयास में बिहार के सर्वमान्य नेता लालू प्रसाद यादव की भूमिका को सबसे अहम् माना जा रहा था. लेकिन चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू के जेल जाने के बाद विपक्ष की यह उम्मीद अब फिर से दम तोड़ती नज़र आ रही है. हालांकि बार-बार यह कहा जाता रहा है कि लालू के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को उनके छोटे पुत्र तेजस्वी यादव सम्हालेंगे. तेजस्वी को लालू की छाया के रूप में प्रदर्शित करने का प्रयास भी किया जाता रहा है. लेकिन इस बात से दरकिनार नहीं किया जा सकता है कि तेजस्वी समेत लालू के पूरे परिवार पर भ्रष्टाचार का केस अदालत में विचाराधीन है. जिसपर फैसला कभी भी आ सकता है. केंद्र की बीजेपी सरकार लालू के अभेद्य किले में सेंध लगा चुकी है. कभी लालू के प्रिय मित्र रहे बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के खेमे में जा चुके हैं.