धिक्कार है! तेरे विकार पर


आठ महीने की दुधमुंही बच्ची का बलात्कार! सुनने में ही कितना भयानक है यह ! काश उस आठ महीने की बच्ची ने 6 मीटर की साड़ी लपेट रखी होती तो शायद 28 साल का वह वहशी उसे अपनी बहन ही मान रहा होता! लेकिन 8 महीने की उस बच्ची को क्या जरा सा ख्याल नहीं आया कि किसी के भी सामने किसी भी उम्र में बिना साड़ी या सलवार कमीज के नहीं जाते !
वाह! रे सभ्य समाज ! धिक्कार है तेरी ऐसी वहशियत पर! जहाँ तू एक काल्पनिक किरदार के लिए दंगे करवा सकता है लेकिन असल में बेटियों को सिवाय सेक्स स्लेव के किसी और रूप में नहीं देख सकता. माफ़ी चाहूंगी, 'सेक्स स्लेव' शब्द को स्पष्ट करना चाहूंगी, नहीं तो तुम्हारी मरी हुई संवेदनाए असंतुलित हो कर नंगा-नाच करना शुरू कर देंगी. 'सेक्स स्लेव' से मेरा मतलब ये है कि आज भी लड़कियों को 'योनि' से ज़्यादा कुछ नहीं समझा जाता है. भले ही लड़कियां चाँद-सूरज तक पहुँच जाएं या कि जेट विमान में उड़ान भर लें, जमीन पर तो वो केवल तुम्हारी दासी ही हैं.
तुम्हारी सोच इससे आगे नहीं बढ़ेगी, बढ़ भी नहीं सकती क्योंकि तुम तो आज भी सीता-सावित्री को पूजते हो लेकिन यह कभी नहीं चाहते कि तुम्हारे घर में भी रानी लक्ष्मीबाई या झलकारीबाई जैसी वीरांगनाएं जन्म लें. तुम्हे तो बेटा ही चाहिए भले ही वो जयचंद ही क्यूँ न हो.
अरे कुम्भकरणों ! क्या तुम्हारा खून नहीं खौलता जब तुम्हे यह पता चलता है कि एक आठ महीने के बच्ची किसी वहशी की विकृति का शिकार हो गयी? समझ सकती हूँ, नहीं खौलेगा तुम्हारा खून! क्योंकि तुम्हारे खून में भी वही विकृति है जो मौका पाकर बाहर आ जाती है और किसी भी तरह तृप्त होने के लिए किसी मासूम को नोच डालती है.

सन्दर्भ - 

Girls wearing lipstick, short dress are asking for Nirbhaya type rape: KV's teacher

टिप्पणियाँ

  1. मैं आपकी पीड़ा को समझ सकता हूँ बीना जी । यह पीड़ा केवल आपकी और स्त्री समुदाय की ही नहीं, प्रत्येक संवेदनशील मनुष्य की है । धिक्कार है ! सत्य ही धिक्कार है !

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